Tuesday, December 4, 2012

शोध-पत्रिका 'संगायन' का विमोचन

दून विश्वविद्यालय में हुआ बौद्ध अध्ययन में अन्तरराष्‍ट्रीय स्‍तर की शोध-पत्रिका 'संगायन' का विमोचन.  
बौद्ध अध्ययन में शोध को मिलेगा बल - संपादक डॉ. सुरजीत कुमार सिंह

               
      
       महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में डॉ. भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन केंद्र के प्रभारी अध्यक्ष डॉ.सुरजीत कुमार सिंह द्वारा संपादित बौद्ध अध्ययन की अंतरराष्ट्रीय स्तर की अर्द्ध वार्षिक शोध पत्रिका 'संगायन' के प्रथम अंक का लोकार्पण हाल ही में भारतीय बौद्ध अध्ययन सोसाइटी की 12 वीं वार्षिक कांग्रेस में 02 नवम्बर, 2012 को देहरादून के दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन की निदेशक प्रो.दीप्ति त्रिपाठी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बी.के.जैन, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार की पूर्व कुलपति प्रो.सुधारानी पांडे, नवनालंदा महाविहार के पूर्व निदेशक प्रो. उमाशंकर व्यास, भारतीय बौद्ध अध्ययन सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो.सत्य प्रकाश शर्मा, 12 वीं बौद्ध अध्ययन काँग्रेस के महासचिव प्रो.भागचंद्र जैन और भारतीय बौद्ध अध्ययन सोसाइटी के महासचिव प्रो.वैद्यनाथ लाभ मंचस्थ थे। इस अवसर पर देश-विदेश के बौद्ध अध्ययन व पालि भाषा से जुड़े विद्वान व शोधार्थी उपस्थित थे।
         'संगायन' शोध पत्रिका का प्रकाशन पालि भाषा एवं साहित्य अनुसंधान परिषद के द्वारा किया गया है। संगायन पत्रिका के संपादक मण्डल में पालि भाषा एवं साहित्य अनुसंधान परिषद के संरक्षक व अध्यक्ष प्रो. भिक्षु सत्यपाल महाथेर, प्रो.एम.के.दास, प्रो.के.टी.एस.सराओ, प्रो.वैद्यनाथ लाभ, प्रो.संघसेन सिंह, प्रो. अंगराज चौधरी और प्रो.भालचंद्र खांडेकर शामिल हैं। पत्रिका में देश भर के बौद्ध विद्वान और चिंतकों के अंग्रेजी एवं हिंदी में शोध आलेख प्रकाशित किये गये हैं। 'संगायन' के प्रधान संपादक डॉ.सुरजीत कुमार सिंह ने बताया कि आने वाले समय में इस पत्रिका में विदेशों के बौद्ध चिंतकों के शोध लेख भी प्रकाशित किये जायेंगे। उन्होंने आशा जताई कि बौद्ध धम्म के वैश्विक प्रचार-प्रसार को इस पत्रिका से माध्यम से और बल मिलेगा।