Saturday, January 21, 2012

कवि और गायक उत्तम मूले


‎'' ये बुद्ध की धरती, युद्ध न चाहे, चाहे अमनपरस्ती ''.... के कवि और गायक उत्तम मूले की 22 जनवरी,2012 को पहली पुण्यतिथि है..पिछले वर्ष नागपुर में उनका दुखद निर्वाण हो गया था..वे 81 वर्ष के थे..उनका जन्म महाराष्ट्र के बुलढाना नामक जिले में एक ' बेलदार' परिवार में हुआ था.. उन्होंने मात्र 7 वीं कक्षा तक की पढाई की थी..बाबा साहेब के विचारों से प्रभावित होने के बाद श्री मूले ने जीवन भर अविवाहित रहने का निर्णय लिया और अपना पूरा जीवन बाबा साहेब और भगवान बुद्ध के विचार एवं दर्शन के प्रचार- प्रसार में लगा दिया.. मरते समय तक वे गणेशपेठ स्लम की एक साधारण-सी झोंपड़ी में रहते थे.. 1956 ई. की ऐतिहासिक धम्मदीक्षा में वे बाबा साहेब डा.अंबेडकर के साथ ही थे.. उत्तम मूले के गीत पूरे देश में सामाजिक-परिवर्तन की लड़ाई में प्रेरणा-गीत की तरह गाए जाते रहे हैं..तथागत बुद्ध और बाबा साहेब के गीतों के लिए विख्यात श्री उत्तम मूले जी के गीत(सी.डी., कैसेट्स) भारत ही नहीं बल्कि जापान,थाईलैंड,भूटान , बर्मा, नेपाल आदि देशों में भी काफी लोकप्रिय हैं..उनकी कुछ प्रसिद्द रचनाएं हैं -'' बुद्ध की धरती युद्ध न चाहे, चाहे अमन परस्ती, ये बुद्ध की धरती, दीक्षा देकर भीम ने हमको मुक्ति का वरदान दिया, गौतम बुद्ध का संदेश सुनाएं जग को, चलो उठो ये बौद्धों, हमें गौतम बुलाते हैं, जय भीम की गूँज गुंजाता चल, भीम-स्तुति में गाता चल...''उत्तम मूले के लिखे गीतों को उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल कविता कृष्णमूर्ति, मिलिंद शिंदे, कृष्णा शिंदे जैसे कई नामचीन गायकों ने गाए..मूले साहब को '' दलित मित्र '' की उपाधि भी प्राप्त हुई थी.

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