Friday, November 9, 2012


बौद्ध तत्वज्ञान में विज्ञान ही मनुष्य‍ के विकास का है आधार-प्रो. सत्यपाल
हिंदी विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म दर्शन की प्रासंगिकता पर हुआ व्याख्यान

बौद्ध धर्म दर्शन की प्रासंगिकता विषय पर पालि आचार्य अग्गयमहापण्डित तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. भिक्षु सत्यपाल महाथेर ने महात्‍मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष व्याख्यान में कहा कि बौद्ध तत्वज्ञान में विज्ञान ही मनुष्य के विकास का आधार है। उन्होंने ईश्वर संकल्पना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बौद्ध दर्शन में चार आर्यसत्य को ही आधार माना गया है।
       विश्वविद्यालय के हबीब तनवीर सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति विभूति नारायण राय ने की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन केंद्र के प्रभारी अध्यक्ष डॉ. सुरजीत कुमार सिंह ने किया। कुलपति विभूति नारायण राय ने प्रो.सतपाल का स्वागत किया तथा व्याख्यान के लिए आभार भी व्यक्त‍ किया। सभागार में उपस्थित श्रोताओं ने प्रो. भिक्षु सतपाल से अपनी जिज्ञासाएं व्यक्त कर कार्यक्रम को जीवंत बनाया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के राइटर-इन-रेजीडेंस व कथाकार संजीव, प्रो.रामवीर सिंह, प्रो. अनिल के राय अंकित, राजकिशोर, अशोक मिश्र, नृपेन्द्र प्रसाद मोदी सहित बड़ी संख्या में अध्यापक, कर्मी, शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित थे।



बौद्ध तत्व।ज्ञान में विज्ञान ही मनुष्य‍ के विकास का है आधार-प्रो. सत्यधपाल
हिंदी विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म दर्शन की प्रासंगिकता पर हुआ व्याख्यान

 बौद्ध धर्म दर्शन की प्रासंगिकता विषय पर पालि आचार्य अग्गयमहापण्डित तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. भिक्षु सत्यपाल महाथेर ने  महात्‍मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष व्याख्यान में कहा कि बौद्ध तत्वज्ञान में विज्ञान ही मनुष्य के विकास का आधार है। उन्होंने ईश्वर संकल्पना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बौद्ध दर्शन में चार आर्यसत्य को ही आधार माना गया है।  
  विश्वविद्यालय के हबीब तनवीर सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति विभूति नारायण राय ने की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन केंद्र के प्रभारी अध्यक्ष डॉ. सुरजीत कुमार सिंह ने किया। कुलपति विभूति नारायण राय ने प्रो.सतपाल का स्वागत किया तथा व्याख्यान के लिए आभार भी व्यक्त‍ किया। सभागार में उपस्थित श्रोताओं ने प्रो. भिक्षु सतपाल से अपनी जिज्ञासाएं व्यक्त  कर कार्यक्रम को जीवंत बनाया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के राइटर-इन-रेजीडेंस व कथाकार संजीव, प्रो.रामवीर सिंह, प्रो. अनिल के राय अंकित, राजकिशोर, अशोक मिश्र, नृपेन्द्र  प्रसाद मोदी सहित बड़ी संख्या  में अध्यापक, कर्मी, शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित थे।
 

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