Wednesday, May 21, 2014

आपका नेतृत्व गर्व का प्रतीक बने माननीय!

मित्रों, मैंने 18 मई, 2014 की शाम में भारत के भावी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जो पत्र लिखा था, वह इस प्रकार है.

श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी “माननीय प्रधानमंत्री” जी, 

सादर अभिवादन....

श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी “माननीय प्रधानमंत्री” जी,
सादर अभिवादन....

आपको जो जनादेश मिला है, वह विकास के लिए मिला है, कुशासन से सुशासन के लिए मिला है! आपके कार्यकाल में केवल सुशासन और विकास होगा, अराजकता, महंगाई और "भय-भूख-भ्रष्टाचार" से मुक्ति मिलेगी. जैसे आपके नारे "कांग्रेस मुक्त भारत" की तरह, और हम सब भारतवासी आपके नेतृत्व में देश पर कांग्रेसियों व "माँ - बेटे की सरकार" द्वारा लगे "दाग ढूंढते रह जायेंगे". अब भारत में "स्वराज से सुराज होगा" और "मिनिमम गवर्मेंट - मैसिमम गवर्मेंस"...आदि ........आदि होगा.!! 

मुझे उम्मीद है कि आप "राम की सौगंध खाकर" शपथ नहीं लेंगे, बल्कि आप भारतीय संविधान के आधार पर पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. आपकी सरकार के फैसले "संतों की धर्म संसद" की जगह 'भारतीय जनता' के प्रतिनिधियों द्वारा निर्वाचित 'भारतीय संसद' लेगी. और आपके कार्यकाल में बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा निर्मित “भारतीय संविधान के लिए मूल्यांकन आयोग” नहीं बनेगा, अरुण शौरी जैसे लोग अब “फ़ाल्स गाड” नहीं लिखेंगे. 

इतिहास के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं होगी, 'सिंधु घाटी का बैल' आपके मक्खन लाल जैसे इतिहासकारों को 'वैदिक घोड़ा' नहीं लगेगा. साथ ही 'तेल लगाकर डाबर का', अब इतिहास से 'बाबर का नाम' नहीं मिटाया जाएगा. आपकी भगवा टोली को "हिन्दुस्तान की तीन धरोहर-अटल-अडवाणी-मुरली मनोहर" के साथ ही और भी धरोहरों दिखाईं देंगी. गणेश जी अब दूध नहीं पियेंगे, बल्कि हमारे नौनिहाल बच्चों को दूध मिलेगा. हाजी की दरगाहों का समुद्री खारा पानी मीठे पानी में नहीं बदलेगा. बैंगन को जब कोई घरेलू महिला सब्जी के लिए काटेगी तो उसको उस बैंगन में भगवान गणेश नहीं दिखाई देंगे. इसके अलावा भगवान बुद्ध आपके लोगों को भगवान विष्णु का नवां अवतार नहीं लगना चाहिए. रात में खाना खाकर सोया कोई भी मंदिर का पुजारी अब सपने में धन-दौलत-स्वर्ण-आभूषण आदि का सपना नहीं देखेगा. 

अब रसायन-भौतिकी और खगोल विज्ञान का कोई भी प्रोफेसर उसके फार्मूले पुराणों में नहीं खोजेगा. आपकी सरकार पुरोहिताई के पाठ्क्रम की जगह परमाणु विज्ञान का पाठ्यक्रम पढ़ाएगी. उल्लू-तोता और तास के पत्तों से अब हम अपना भविष्य नहीं देखना चाहते हैं. हस्त रेखा और ज्योतिष अब हमारा आधार ना बने, उसकी जगह आपकी सरकार हमारे भविष्य का आधार रोज़गार को सृजित करके, अर्थव्यवस्था को और मजबूत करके बनाये. आपके लोग मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान 'राम की सौगंध खाकर' मंदिर की जगह लोगों के मन में भरोसा और सदभाव बनाएंगे. आपकी भगवा ब्रिगेड ''रामलला हम आयें हैं" के नाम पर किसी को नहीं सताएगी, बल्कि वह लोगों की इज्ज़त-ईमान का सम्मान करेगी. कहीं कोई प्रमोद मुतालिक १४ फरवरी को युवाओं को आपस में मिलने से नहीं रोकेगा. अब कोई ठाकरे गुड्डी को बुड्ढी को नहीं कहेगा, दिलीप कुमार के घर के आगे अब हाफ नेक्कर में प्रदर्शन नहीं होगा, आप 'वाटर' में आग लगने देंगे और 'फायर' भी होने देंगे. कोई भी अगर क्रिकेट खेलना चाहे तो आपके सहयोगी उसको खेलने देंगे, ना कि स्टेडियम में साँप छोड़ देंगे. आपके लोग और मंत्री अब "हिंदू हित की बात" करके दिल्ली में शासन नहीं करेंगे, बल्कि वह सचमुच में सवा सौ करोड़ भारतीयों की बात करेंगे. और अभी आपके लिये "काशी-मथुरा वाकी" ही रहेगा, कहीं कोई मस्जिद नहीं टूटेगी, गिरजाघरों को और रात में सोते पादरियों को उनके छोटे-छोटे बच्चों के साथ ज़िंदा नहीं जलाया जायेगा और ननों के साथ बलात्कार नहीं होगा आदि आदि बहुत कुछ.........!!! 

मुझे आशा है कि आप विदेशों में जमा कांग्रेसीयों का काला धन वापस लायेंगे. टू जी-थ्री जी और जीजा जी के बारे में क़ानून को अपना काम करने देंगे, राजाओं-कलमाड़ीयों-शीलाओं और विकलांगों के नाम पर एन.जी.ओ. बनाकर पैसे खाने वाले सलमान खुर्शिदों को जेल भेजेंगे. चावलाओं-राडियाओं-बरखाओं जैसी सत्ता के गलियारों के सट्टेबाजों और दलालों को आप दूर रखेंगे. सरकार के कामों और कभी कुछ बनने-बिगड़ने पर आप जानार्दानों-मीम अफजलों-सत्यव्रत चतुर्वेदियों-सिब्बलों और दिग्विजयों से अपनी वकालत नहीं करवायेंगे. 'विनिवेश आयोग' के नाम पर अरुण शौरियों को मुम्बई का सेंटूर होटल बहुत ही कम पैसों में नहीं बेचने देंगे. सी.वी.सी. को अपना काम करने देंगे. कैग को और मजबूती देंगे, जिससे कि और घोटाले सामने आ सकेंगे. सी.बी.आई. नामक तोते को भारत के मुक्त गगन में उड़ने देंगे.

हम भारत के नागरिक के तौर पर आपके नेतृत्व में अपने पर गर्व करेंगे और आपके प्रधानमंत्री बनने के बाद मुझे देश छोड़ने का मौक़ा नहीं देंगे.

सादर शुभकानाओं के साथ!!!

आपका
डॉ. सुरजीत कुमार सिंह
प्रभारी अध्यक्ष एवं सहायक प्रोफेसर
डॉ. भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन केन्द्र
महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय,
वर्धा. 

2 comments:

  1. अभी तो ताज पोशी भी नही हुई और आपने इतनी लम्बी लिस्ट पकडा दी :)

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