Wednesday, November 5, 2014

प्रो. जी. गोपीनाथन जी हमारे डॉ. भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन केंद्र के संस्थापक कुलपति

      मित्रों, आजकल हमारे विश्वविद्यालय के अनुवाद विभाग में एक संगोष्ठी चल रही है. उसी संगोष्ठी में हमारे महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के दूसरे भूतपूर्व कुलपति आदरणीय प्रो. जी. गोपीनाथन जी भी आये हुये थे. आदरणीय प्रो. जी. गोपीनाथन जी हमारे डॉ. भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन केंद्र के संस्थापक कुलपति भी रहे हैं, उनके ही प्रयासों से वर्धा में यह बौद्ध अध्ययन केंद्र स्थापित हो पाया. इसी बीच मैंने कुछ समय उनसे लेकर बातचीत की कि वह वर्धा में भदंत आनंद कौसल्यायन जी की कर्म भूमि पर किस तरह से बौद्ध अध्ययन केंद्र को स्थापित कर पाये, कैसे वह बौद्ध धर्म और भगवान बुद्ध की तरफ आकर्षित हुए, किस तरह वे डॉ. एम.एल.कासारे को केंद्र का संस्थापक कार्यकारी निदेशक बनाये.? और भी बहुत सारी बातें हुईं. अंत में मैं उनको केंद्र के बारे में नवीनतम जानकारी और चल रहे समस्त पाठ्यक्रमों से से अवगत कराया, केंद्र का भ्रमण कराया, उनको संगायन जर्नल भेंट की. उनसे हुई पूरी बातचीत को कैमरे में कैद किया हमारे वरिष्ठ शोधार्थी श्री कपिल गौतमराव मून जी ने. उसको बिना काट-छांट के मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ. 






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